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तमिलनाडु के बाद केरल की झांकी को भी नहीं मिली गणतंत्र दिवस की परेड में जगह, सीएम पिनाराई विजयन ने की पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग

इस साल होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड में तमिलनाडु के बाद अब केरल की झांकी को भी मंजूरी नहीं मिली है. ऐसे में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गणतंत्र दिवस परेड में राज्य की झांकी को शामिल नहीं करने पर पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र है. इस पत्र में उन्होंने पीएम मोदी से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है और बताया है कि केरल की झांकी को क्यों परेड में शामिल किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि “तमिलनाडु की झांकी श्री नारायण गुरु की छवि को प्रदर्शित करती है, और इसमें एक बहुत ही मजबूत सामाजिक संदेश है”. इससे पहले तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन भी राज्य की झांकी को परेड में शामिल ना करने को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिख चुके हैं. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनके राज्य के झांकी के प्रस्ताव को स्वीकृत नहीं किये जाने पर हस्तक्षेप का अनुरोध किया था. मोदी को पत्र लिखकर स्टालिन ने कहा था कि झांकी के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जाना ‘निराशाजनक’ है और इससे राज्य की जनता की भावनाएं आहत होंगी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जवाब में क्या कहा?

वहीं स्टालिन को जवाब में लिखे पत्र में रक्षा मंत्री ने कहा कि झांकी के चयन के लिए हुईं बैठकों के पहले तीन दौर में तमिलनाडु के प्रस्ताव पर विचार किया गया लेकिन इस साल गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए चयनित 12 झांकियों की अंतिम सूची में उसे जगह नहीं मिली. सिंह ने कहा, ‘‘गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए झांकियों के चयन की एक भलीभांति स्थापित प्रणाली है जिसके अनुसार रक्षा मंत्रालय सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों से झांकियों के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करता है.’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि अनेक राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से प्राप्त झांकी के प्रस्तावों का विशेषज्ञ समिति की बैठकों में सिलसिलेवार मूल्यांकन किया जाता है. इस समिति में कला, संस्कृति, ललित कला, मूर्तिकला, संगीत, शिल्पकला, नृत्य आदि क्षेत्रों के जानेमाने लोग हैं.उन्होंने कहा, ‘‘विशेषज्ञ समिति थीम, अवधारणा, डिजाइन और दृश्य प्रभाव के आधार पर प्रस्ताव का आकलन करती है और फिर सिफारिश देती है.’’

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