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सांप्रदायिक हिंसा के जरिए सरकार को उखाड़ फेंकना था दिल्ली के दंगाईयों का मकसद: चार्जशीट

नई दिल्ली। फरवरी में हुए दिल्ली के दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है और चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने दंगाइयों के खतरनाक इरादों की पोल खोलकर रख दी है। चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली में दंगों का षडयंत्र रचने वाले सभी षडयंत्रकारियों का मकसद सांप्रदायिक हिंसा का इस्तेमाल करके एक चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंकना था।
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है दंगों के षडयंत्रकारियों का एकमात्र उद्देश्य सरकार को डराकर अपने नियंत्रण में करना था। चार्जशीट के मुताबिक षडयंत्रकारी सरकार को घुटनों पर लाकर नागरिकता कानून (CAA) को वापस लेने के लिए मजबूर करना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने ऐसा समय चुना था जिस समय अमेरिका के राष्ट्रपति भारत के दौरे पर थे ताकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख को बट्टा लगे।
चार्जशीट में कहा गया है कि अगर दंगाई अपने मकसद में कामयाब हो जाते तो इससे सरकार की नींव हिल जाती और सरकार के ऊपर जनता का भरोसा खत्म होता। चार्जशीट में कहा गया है कि दंगाइयों का आखिरी मकसद सांप्रदायिक दंगों के जरिए चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंकना था।
चार्जशीट में कहा गया है कि इस षडयंत्र को एक चरणबद्ध तरीके से शुरू किया गया, पहले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के मुस्लिम छात्रों का ग्रुप बना, फिर जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनी और फिर दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप बना। चार्जशीट में कहा गया है कि ‘पिंजरा तोड़’ की महिलाओं ने दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप के तले ‘द वारियर्स’ करके नया नाम रखा।

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