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यूपी बोर्ड की साढ़े तीन करोड़ कॉपियों में पहली बार होगा बारकोड का प्रयोग

  • नकल माफिया से बचने के लिए यूपी बोर्ड ने पहली बार उठाया कदम
  • परीक्षा के बाद बोर्ड कॉपियों की होगी रैण्डम चेकिंग : सचिव

प्रयागराज। एशिया के सबसे बड़े उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए 2023 की बोर्ड परीक्षा के दौरान एक नया प्रयोग करने जा रहा है। बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा की सभी कॉपियों में पहली बार बारकोड का प्रयोग करने जा रहा है। इस बार कोड की मदद से परीक्षा के बाद फिर से कापियों की स्कैनिंग होगी, जिससे पता चल सके कि जिन कापियों से परीक्षाएं हुई हैं, वह यूपी बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों पर भेजी गई कापियां थीं या दूसरी कोई।

यूपी बोर्ड के हाईस्कूल इंटरमीडिएट में करीब 50 लाख परीक्षार्थी हैं जो वर्ष 2023 में बोर्ड की परीक्षा देने जा रहे हैं। इस दौरान परीक्षा केंद्रों का निर्धारण जिलों में शुरू हो गया है जो पहले स्तर पर जिला विद्यालय निरीक्षक कर रहे हैं। परीक्षा को पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कराने के लिए बोर्ड एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए प्रयोग में आने वाली सभी कार्यों पर बारकोड का प्रयोग पहली बार कर रहा है। परीक्षा के बाद यूपी बोर्ड फिर से बारकोड की कॉपियों की रेंडम चेकिंग करेगा जिससे पता लग सके कि जिन उत्तर पुस्तिकाओं का प्रयोग परीक्षा के दौरान हुआ था वह बारकोड वाली ही कापियां थी या कोई और। दूसरी ओर इससे जहां नकल माफियाओं पर अंकुश लगेगा वहीं दूसरी ओर बोर्ड की परीक्षा की पारदर्शिता बढ़ेगी।

यूपी बोर्ड के सचिव दिव्य कांत शुक्ल ने बताया कि बोर्ड परीक्षा को सकुशल सम्पन्न कराना है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती परीक्षा केन्द्रों का पारदर्शी तरीके से चयन और परीक्षा कराना है। इसलिए इस बार यूपी बोर्ड की सभी कापियों में बारकोड का प्रयोग किया जा रहा है। कहा कि परीक्षा के सम्पन्न होने के बाद कापियों की रेंडम चैकिंग होगी। जिससे यह सामने आएगा कि जिन कापियों से परीक्षा हुई है वह यूपी बोर्ड के बारकोड की कॉपी है या दूसरी कोई। सचिव ने बताया कि इससे परीक्षा के दौरान कापियों के अदला-बदली या छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई में मदद मिलेगी और नकल पर सख्ती से अंकुश लग सकेगा।

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