
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में जहां कांग्रेस पार्टी के अंदर छिड़ी महाभारत खुलकर सामने आ गई है वहीं गांधी परिवार के वफादार नेताओं ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की पेशकश की है। CWC सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने बैठक के दौरान राहुल गांधी को अध्यक्ष नियुक्त करने को लेकर अपनी बात रखी है, CWC के अधिकतर सदस्यों ने इसपर सहमति जताई है।
हालांकि पार्टी नेताओं की इस मांग पर राहुल गांधी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। राहुल गांधी ने शुरुआत में सिर्फ अध्यक्ष पद को लेकर सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र पर ही अपनी राय दी थी। उसके बाद राहुल गांधी ने अभी तक बात नहीं रखी है।
इससे पहले खबर आई थी कि कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस कार्यसमिति की वर्चु्अल मीटिंग की शुरुआत में ही सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की है।
CWC की बैठक में एक पत्र पढ़ा गया जिसमें सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़े की इच्छा व्यक्त की और साथ में नया अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए कहा है। पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल ने पत्र को पढ़ा है। इंडिया टीवी को सूत्रों से यह जानकारी मिली है। सूत्रों से यह भी पता चला है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा पार्टी नेता एके एंटनी ने सोनिया गांधी से अध्यक्ष पद पर बने रहने की अपील की है।
Interim party president Sonia Gandhi joins the Congress Working Committee's virtual meeting; the meeting is now underway https://t.co/Ea7oguNhqW
— ANI (@ANI) August 24, 2020
नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है। सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आया गया जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई।
हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है।