उत्तर प्रदेश

अयोध्या: रामनगरी में बच्चों के भविष्य पर संकट, मार्च में 400 स्कूल हो जायेगें शिक्षक विहीन

अयोध्या। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी है। समय-समय पर भर्ती होने के बाद भी शत-प्रतिशत रिक्ति पूरी नहीं हो पा रही है। हाल में शासन से मांगी गई रिपोर्ट में मार्च 2023 तक शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्योरा चौंकाने वाला है। जनपद में मार्च तक तीन हजार शिक्षकों के पद खाली हो जाएंगे।

जिसके चलते करीब 400 स्कूल शिक्षक विहीन हो जायेगें। ऐसे में इन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई किसके भरोसे होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। प्राथमिक विद्यालयों एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के कुल 10300 पद स्वीकृत हैं।

वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों की संख्या 9525 से अधिक है। पहले से ही 775 पद खाली हैं। अब मार्च 2023 तक तीन हजार शिक्षकों के रिटायर होने की स्थिति में कुल 3775 शिक्षकों की कमी हो जायेगी। सबसे अधिक दुर्गति उच्च प्राथमिक विद्यालयों की हैं, जहां आज भी शिक्षकों की बड़ी संख्या में पद खाली चल रहे हैं।

समग्र शिक्षा अभियान समेत समय-समय पर लागू योजनाओं, कार्यक्रमों के सफल संचालन का जिम्मा शिक्षकों पर ही निर्भर रहता है। शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को सिर्फ अध्यापन कार्य में ही लगाया जा सकता है। शिक्षकों के पद भरे नहीं गए तो मौजूदा समय में कार्यरत रहने वाले शिक्षक संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन देखेंगे या बच्चों को पढ़ाएंगे, यह बड़ा सवाल है।

सात वर्ष से नहीं हुई पदोन्नति
शिक्षकों की कमी का कारण प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति का न होना है। पिछले सात वर्ष से जिले में पदोन्नति की प्रक्रिया को पूर्ण नहीं किया गया। प्रतिवर्ष शिक्षक सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं और नियुक्ति व पदोन्नति न होने से स्थिति बिगड़ गई है।

शासन स्तर से बेसिक स्कूलों में शिक्षकों के स्वीकृत पद, तैनाती और मार्च 2023 तक रिक्तियों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी गई थी। जिसकी सूचना भेज दी गई है। जहां तक पदोन्नति का सवाल है, उस बारे में उच्च स्तर से निर्देश मिलने के बाद प्रक्रिया अपनाई जाएगी

संतोष कुमार राय, बेसिक शिक्षा अधिकारी, अयोध्या।

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